PAN Card क्या होता है ? पैन कार्ड के लिए आवेदन कैसे करें।

Ashok Nayak
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स्थाई लेखा संख्या या पैन (PAN) पूरे भारत में दस अंकीय वर्णात्मक संख्‍या है (जैसे, ASSPS7219J) जो आयकर विभाग द्वारा लेमिनेटिड कार्ड के रूप में जारी किया जाता है। यह पता या स्‍थान परिवर्तन के साथ नहीं बदलता है जहां आप का‍ निर्धारण किया जा रहा है। पैन संबंधी सूचना प्राप्‍त करने के लिए आयकर विभाग ने निम्‍नलिखित को प्राधिकृत किया है :-

(क) सर्विस लि. (यूटीआईटीएसएल) उन सभी शहरों और नगरों में जहां आयकर कार्यालय है आईटी पैन सेवा केंद्र की स्‍थापना एवं प्रबंधन करने के लिए और

(ख) नेशनल सिक्‍युरिटीज डिपोजिटरी‍ लिमिटेड (एनएसडीएल) कर सूचना नेटवर्क (टीआईएन) सुविधा केंद्रों से पैन सेवाएं उपलब्‍ध कराना।


What is the cost of a PAN Card? Why do you need a PAN Card? How long is the PAN card valid? Can PAN Cards be made online? What are the fees for correction in a PAN card? How can I change my name in a PAN card? How can I correct my PAN card? How can I check my PAN card?, What is a PAN card in India?

पैन के लिए कौन आवेदन कर सकता है ?

आयकर अधिनियम में यह व्‍यवस्‍था की गई है कि प्रत्‍येक व्‍यक्ति जिसकी कुल आय उस अधिकतम राशि से अधिक है, जिस पर कर नहीं लगता या प्रत्‍येक व्‍यक्ति जो किसी व्‍यापार करता या व्‍यवसाय में लगा है, जिसकी कुल आय, लाभ या सकल प्राप्ति पहले किसी भी विगत वर्ष में 5 लाख रुपए से अधिक हुई है या कोई व्‍यक्ति जिसे आय विवरणी फाइल करने की आवश्‍यकता है, वह पैन के लिए आवेदन करेगा। इसके अतिरिक्‍त कोई व्‍यक्ति जो उपर्युक्‍त शर्तें पूरी नहीं करता, वह भी पैन आबंटन के लिए आवेदन कर सकता है। 

दिनांक 1.6.2000 से केंद्रीय सरकार अधिसूचना द्वारा किसी वर्ग या वर्ग के व्‍यक्तियों को विनिर्दिष्‍ट करेगी आयातक और निर्यातक सहित चाहे उनके द्वारा कोई कर का भुगतान किया जाता है या अन्‍यथा, वह व्‍यक्ति भी निर्धारण अधिकारी के पास पैन आबंटन के लिए आवेदन कर सकता है। 

दिनांक 1.4.2006 से व्‍यक्ति जो लाभों के लिए विवरणी फाइल करने का उत्‍तरदायी है उसके लिए भी पैन आबंटित किया गया है। उसे दूसरा पैन प्राप्‍त करने की आवश्‍यकता नहीं है।

चूंकि किसी वित्‍तीय वर्ष की आय पर बाद के वर्ष में कर लगाया जाता है जो निर्धारण वर्ष कहा जाता है इसलिए संबंधित निर्धारण वर्ष के 30 जून के पहले पैन के लिए आवेदन किया जाए।



पैन के लिए आवेदन कैसे होता है?

पैन के आबंटन के लिए आवेदन प्रपत्र 49 क में करना है। इस प्रपत्र को भरते समय निम्‍नलिखित बातों पर ध्‍यान दिया जाना है:-

  • आवेदन पत्र टाइप या हस्‍तलिखित हो यह काली स्‍याही में बड़े अक्षरों में हो
  • दो श्‍याम-श्‍वेत फोटो संलग्‍न किया जाता है।
  • जब संपर्क के लिए पते का चयन किया जाता है विशेष ध्‍यान दिया जाना चाहिए क्योंकि उसके बाद संपर्क निर्दिष्‍ट पते पर भेजा जाएगा।
  • 'पिता का नाम' के लिए दी गई जगह में केवल पिता का नाम दिया जाताा है। विवाहिता महिला यह ध्‍यान रखे पति का नाम की आवश्‍यकता नहीं होती हैं ।
  • सही जन्‍म तिथि भरने पर विशेष ध्‍यान दिया जाना चाहिए।
  • प्रपत्र पर अंग्रेजी में हस्‍ताक्षर करना चाहिए या किसी भी भारतीय भाषा में दो विनिर्दिष्‍ट जगह पर। अंगूठा लगाने के मामले में राज‍पत्रित अधिकारी द्वारा अनुप्रमाणन अनिवार्य होता है।


कुछ लेन देन जिनमें पैन का उल्‍लेख करना अनिवार्य है

  • अचल संपत्ति की खरीद और बिक्री
  • मोटर वाहन की खरीद और बिक्री
  • 50,000 रुपए से अधिक शेयरों में लेन देन
  • नया बैंक खाता खोलना
  • 50,000 रुपए से अधिक नियत जमा
  • टेलीफोन कनेक्‍शन के आबंटन के लिए आवेदन
  • 25,000 रुपए से अधिक होटल को भुगतान
  • बशर्ते कि ऐसे समय तक पैन व्‍यक्ति को आबंटित हो वह अपना सामान्‍य सूचकांक पंजीकरण संख्‍या या जीआईआर संख्‍या का उल्‍लेख कर सकता है,
  • किसी भी बैंकिंग कंपनी को क्रेडिट या डेबिट कार्ड के लिए आवेदन करने के लिए,
  • डीमैट अकाउंट खोलने के लिए,
  • LIC प्रीमियम का एक फाइनेंसियल ईयर में Rs. 50,000 से अधिक भुगतान,
  • यदि किसी पर्सन के द्वारा अनलिस्टेड शेयर्स का Sale/Purchase जब प्रति ट्रांजेक्शन 1 लाख से अधिक हो।


परिवर्तनों की सूचना

निम्‍नलिखित परिवर्तनों की सूचना निर्धारण अधिकारी को दी जानी चाहिए।

  • निर्धारिती की मृत्‍यु
  • व्‍यापार बंद करना
  • फर्म का भंग होना
  • हिन्‍दू अविभाजित परिवार (एच यू एफ) का विभाजन
  • कंपनी को समाप्‍त या बंद करना
  • कंपनी का विलयन, सम्‍मेलन या अधिग्रहण


नई शृंखला के तहत नए पैन के लिए आवेदन

नई शृंखला के तहत नए पैन के लिए आवेदन निम्‍नलिखित परिस्थितियों में किया जा सकता है।

  • अविभाजित हिन्‍दू परिवार (एचयूएफ) का एक या अधिक अविभाजित परिवारों में विभाजन
  • नए अविभाजित हिन्‍दू परिवार (एचयूएफ) का अस्तित्‍व में आना
  • फर्म के संविधान में बदलाव (साझेदारों में परिवर्तन)
  • मौजूदा कंपनी का दो या अधिक कंपनियों में विभाजित होना

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