प्रत्येक प्रश्न में दिए गये विकल्पों में से सही विकल्प चुनकर लिखिये ।
( अ ) भौतिक राशियों के निम्न लिखित जोड़ों में से किस जोड़े का विमीय सूत्र समान नहीं है ।
( a ) कार्य और बल – आघूर्ण
( b ) कोणीय संवेग और प्लांक नियतांक
( c ) तनाव और पृष्ठ तनाव
( d ) आवेग और रेखीय संवेग
उत्तर; ( a ) कार्य और बल – आघूर्ण
( ब ) निम्नलिखित अनुपातों में किन से दाब व्यक्त होता है ।
( a ) बल / क्षेत्रफल
( b ) ऊर्जा / आयतन
( c ) ऊर्जा / क्षेत्रफल
( d ) बल / आयतन
उत्तर;( a ) बल / क्षेत्रफल
( स ) A = i + j तथा B = i – j के बीच कोण हैं ।
( a ) 45 °
( b ) 90 °
( c ) -45 °
( d ) 180 °
उत्तर; – 45°
( द ) एक पिंड निर्वात में केवल गुरुत्व के अधीन स्वतंत्रता पूर्वक गिर रहा है इसके गिनने के दौरान निम्न लिखित में से कौन सी राशि अचर रहती हैं ?
( a ) गतिज ऊर्जा
( b ) स्थैतिज ऊर्जा
( c ) कुल यांत्रिक ऊर्जा
( d ) कुल रेखीय संवेग
उत्तर ; ( d ) कुल रेखीय संवेग
( ई ) निम्न लिखित में से किस पिण्ड का द्रव्यमान केन्द्र उसके बाहर स्थित होता है ।
( a ) पेंसिल
( b ) गोला
( c ) पाँसा
( d ) चूड़ी
उत्तर; ( d ) चूड़ी
प्र .2 रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए ।
( अ ) एक वायुयान का वेग दुगना कर दिया जावे तो उसकी गतिज ऊर्जा ………..गुनी हो जाएगी ।
उत्तर; चार
( ब ) घूर्णा अक्ष बदल जाने से ………..भी बदल जाता है ।
उत्तर; द्रव्यमान केंद्र
( स ) किसी निश्चित दिशा में वस्तु द्वारा तय की गई दूरी को उसका …….कहते हैं ।
उत्तर; विस्थापन
( द ) सर सी.वी.रमन को……के लिये सन्……. में नोबल पुरस्कार प्रदान किया गया था ।
उत्तर; रमन प्रभाव , 1930
( ई ) 1 माइकोन = ……….. मीटर ।
उत्तर: `1.0times10^{-6}`मीटर
प्र .3 जोड़ी बनाईये
1. मंदन का मात्रक अ . संवेग संरक्षण
2. एक समान वृत्तीय गति में कण की गतिज ऊर्जा ब . न्यूटन / मीटर
3. राकेट नोदन स . mgh
4. स्प्रिंग नियतांक का मात्रक हैं। द. m /`s^{2}`
5. गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा ई . अचर होती हैं
फ . केन्द्र की ओर
उत्तर;
1. मंदन का मात्रक द . मीटर / सेकन्ड 2
2. एक समान वृत्तीय गति में कण की गतिज ऊर्जा ई . अचर होती हैं
3. राकेट नोदन अ . संवेग संरक्षण
4. स्प्रिंग नियतांक का मात्रक हैं। ब. न्यूटन / मीटर
5. गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा स . mgh
प्र .4 एक वाक्य अथवा एक शब्द में उत्तर दीजिए ।
( अ ) यदि बल का मात्रक 1N , लंबाई का मात्रक 10m तथा समय का मांत्रक 100s है तो मात्रकों की इस प्रणाली में द्रव्यमान का मात्रक क्या है ?
उत्तर; 1 किलोग्राम
( ब ) किसी फुटबॉल को किक मारकर उर्ध्वाधर ऊपर फेंका गया है उच्चतम बिन्दु पर इसका ( a ) त्वरण ( b ) वेग क्या है ?
उत्तर;
( a ) त्वरण = 0
( b ) वेग = 0
( स ) एक पिण्ड को पृथ्वी की सतह से h ऊँचाई तक ऊपर उठाया जा रहा है तो गुरुत्वाकर्षण बल द्वारा किये गये कार्य का चिन्ह क्या है ?
उत्तर; ऋणात्मक
( द) एक ऐसी स्थिति का उदाहरण दीजिए जिसमें बल के कारण गतिज ऊर्जा में परिवर्तन नहीं होता ।
उत्तर; वृत्तीय गति
( इ) एक बार धड़कने में मानव हृदय औसतन 0.5 जूल कार्य करता है यदि हृदय 1 मिनिट में 72 बार धड़कता है तो इसकी शक्ति की गणना कीजिए ।
उत्तर; 0.6 वाट
प्र 05 का अथवा विराम से चलकर कोई पिण्ड 3 सेकेण्ड में 10 मीटर प्रति सेकेण्ड का वेग प्राप्त कर लेता है त्वरण क्या होगा ?
उत्तर;
प्र .6 किसी सदिश के वियोजन से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर: सदिश का वियोजन : यह सदिशों को जोड़ने की विपरीत क्रिया है। “किसी सदिश को दो या दो से अधिक ऐसे सदिशों में वियोजित करना जिनका परिणामी दिए हुए सदिश के तुल्य होता है, सदिश वियोजन कहलाता है। “वियोजित सदिश दिए हुए सदिश के अवयव कहलाते है। यदि दिए गए सदिश के अवयव परस्पर लंबवत होते है, तो वे समकोणिक घटक कहलाते है।
प्र .7 का अथवा न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण का नियम क्या है ? लिखिए ।
उत्तर: न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण का नियम
प्र .8 प्रत्यास्थ संघट्ट और अप्रत्यास्थ संघट्ट में दो अंतर लिखिए ?
उत्तर: प्रत्यास्थ संघट्ट और अप्रत्यास्थ संघट्ट में दो अंतर
संघट्ट वह प्रक्रिया है जिसमें दो या दो अधिक वस्तुओं के बीच कम समय के लिए पारस्परिक अन्तः क्रिया द्वारा उनकी ऊर्जा व संवेग में परिवर्तन हो जाता है।
प्रत्यास्थ संघट्ट –
(1) यदि संघट्ट में निकाय का रेखीय संवेग एवं गतिज ऊर्जा दोनों संरक्षित होती है उसे प्रत्यास्थ संघट्ट कहते हैं।
(2) इसमें संरक्षी बल निहित रहते हैं।
उदाहरण- आदर्श गैस के अणुओं के बीच टक्कर।
अप्रत्यास्थ संघट्ट-
(1) यदि संघट्ट में निकाय को रेखीय संवेग तो संरक्षित रहे परंतु गतिज ऊर्जा संरक्षित न रहे, उसे अप्रत्यास्थ संघट्ट कहते हैं।
(2). इसमें असंरक्षी बल निहित रहते हैं।
उदाहरण- दो गेदों के बीच टक्कर।
प्र .9 का अथवा कोणीय संवेग संरक्षण नियम क्या है ? सिद्ध कीजिए ।
उत्तर: कोणीय संवेग संरक्षण नियम
जब किसी निकाय पर इसकी अक्ष पर कार्यरत कुल बाह्य बल आघूर्ण का मान शून्य हो तो उस अक्ष पर कुल कोणीय संवेग का मान नियत रखता है अर्थात संरक्षित रहता है , इसे ही कोणीय संवेग का नियम कहते है।
अत: कोणीय संवेग सिद्धांत के अनुसार निम्न सम्बन्ध पाया जाता है –
प्र .10 आवृति एवं आवर्तकाल से आप क्या समझते हैं ? इनमें संबंध बताईए ।
उत्तर:
आवृत्ति — किसी वस्तु में एक सेकंड में जितने कंपन होते हैं, उन कंपनों की संख्या को ‘आवृत्ति’ कहते हैं। आवृत्ति का मात्रक ‘आवृत्ति प्रति सेकंड’ होती है, जिसे ‘हर्ट्ज’ (Hz) में व्यक्त किया जाता है।
आवृत्ति को मापने का सूत्र…
आवृत्ति = कंपनों की संख्या/कंपनों में लगा समय
आवर्तकाल — किसी वस्तु में जो कंपन होता है, उस कंपन में लगने वाले समय को ‘आवर्तकाल’ कहते हैं। ‘आवर्तकाल’ का मात्रक ‘सेंकड’ होता है।
आवर्तकाल = 1/आवर्तकाल
आवृत्ति और आवर्तकाल एक-दूसरे के व्युत्क्रम होते हैं।
प्र .11 निम्नलिखित भौतिक राशियों में सदिश एवं अदिश राशियाँ छाँटिये । वेग , कोणीय आवृति , विस्थापन , कोणीय वेग , आयतन , चाल , द्रव्यमान , त्वरण , घनत्व
उत्तर:
सदिश राशियां – वेग , विस्थापन , त्वरण , कोणीय वेग
अदिश राशियां– आयतन, द्रव्यमान, चाल, घनत्व, कोणीय आवृत्ति
प्र .12 का अथवा ऋणात्मक , धनात्मक तथा शून्य कार्य को उदाहरण सहित समझाईए ।
उत्तर;
धनात्मक कार्य-
जब किसी वस्तु पर लगने वाले बल तथा उसके विस्थापन के बीच का कोण न्यूनकोण हो तो बल द्वारा वस्तु पर किया गया कार्य धनात्मक होता है, तथा जब उनके बीच का कोण 0° होता है तो कार्य का मान अधिकतम होता है।
धनात्मक कार्य के उदाहरण:
घोड़ागाड़ी को जब एक घोड़ा खींचता है तो किया गया कार्य धनात्मक होता है इसमे बल एवं विस्थापन एक ही दिशा में होता है।
ऋणात्मक कार्य –
जब किसी वस्तु पर लगने वाले बल एवं उसके विस्थापन के बीच का कोण अधिक कोण या कौण का मान 180° हो तो बल द्वारा वस्तु पर किया गया कार्य ऋणात्मक होता है जब उनके बीच का कोण 180° हो तो बल का परिणाम अधिक होता है।
ऋणात्मक कार्य के उदाहरण:
जब कोई वस्तु ऊपर की दिशा में फेंकी जाती है तब गुरुत्वीय बल द्वारा किया गया कार्य ऋणात्मक होता है।
शून्य कार्य –
यदि किसी वस्तु पर लगने वाला बल उसके विस्थापन की दिशा के लंबवत हो तो बल द्वारा वस्तु पर किया गया कार्य शुन्य कार्य होता है।
शून्य कार्य के उदाहरण :
यदि कोई वस्तु घर्षण रहित मेज पर क्षेतिज दिशा में सरकती है तो लगने वाले गुरूत्विय बल के कारण वस्तु पर किया गया कार्य शून्य होता है।
प्र .13 विमीय समीकरण के चार प्रमुख उपयोग लिखिए ।
उत्तर: विमीय सूत्र के उपयोग को निम्न प्रकार से समझाया गया है –
1. भौतिक राशि को एक मात्रक पद्धति से दूसरी मात्रक पद्धति में बदलने के लिए विमीय समीकरण का उपयोग किया जाता है।
2. भौतिक विज्ञान में किसी भी दिए गए सूत्र या समीकरण की सत्यता की जांच करने में। अर्थात सूत्र सही है या गलत इसकी जांच विमा के द्वारा की जाती है।
4. किसी भी दी गयी भौतिक राशि के लिए दिए गए पद्धति में मात्रक व विमा ज्ञात करने के लिए।
5. किसी भी सूत्र या समीकरण में किसी स्थिरांक या चल राशि का मात्रक व विमा ज्ञात करने के लिए।
प्र .14 का अथवा कार्य ऊर्जा प्रमेय क्या है ? इसे सिद्ध कीजिए । जबकि बल अचर हो ।
उत्तर:
प्र .15 का अथवा स्प्रिंग को खींचने में किये गये कार्य की गणना कीजिए ।
उत्तर:
प्र.16 किसी वृत्तीय मोड़ पर गतिशील वाहन की अधिकतम सुरक्षित चाल के लिये व्यंजक ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
प्र.17 एक समान वृत्तीय गति के लिये अभिकेन्द्रीय त्वरण का व्यंजक ज्ञात कीजिए ।
उत्तर:
प्र.18 बल आघूर्ण तथा जड़त्व आघूर्ण में संबंध स्थापित कीजिए ।
उत्तर –
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Originally posted 2020-11-24 11:17:00.
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